धर्मो रक्षति रक्षितः। Dharmo Raksati Raksitah.

Dharma protects those who protect it.

– Veda Vyas, Mahabharat

योग: सभी के लिए लाभदायक | राफिया नाज़ और पूनम गुप्ता के बीच संवाद


योग का अर्थ है जोड़ना। शरीर एवं आत्मा को एक साथ जोड़ कर यह हमें शुद्ध बनाता है। भारत से बौद्ध धर्म के साथ यह चीन, जापान, तिब्बत, दक्षिण पूर्व एशिया एवं श्रीलंका में फैला। यह एक ऐसी आध्यात्मिक प्रक्रिया है, जो आज पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। माना जाता है कि 21 जून वर्ष का सबसे बड़ा दिन होता है। यह दिन विश्व अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में जाना जाता है। इस दिन योग करने से दीर्घायु की प्राप्ति होती है। यही कारण है कि पीएम नरेंद्र मोदी ने 27 सितंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने भाषण में योग को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मनाने की पहल की, जिसे संयुक्त राष्ट्र ने माना और पहली बार 11 दिसंबर 2014 को महासभा ने प्रत्येक वर्ष 21 जून को विश्व योग दिवस के रूप में इसे मान्यता दी।

गीता में श्रीकृष्ण ने एक स्थान पर कहा है योगः कर्मसु कौशलम् यानी योग से कर्मों में कुशलता आती है। वहीं, सूफी संगीत के विकास में भारतीय योग अभ्यास का काफी प्रभाव है।


वक्ता-परिचय: –

रांची, झारखंड की निवासी रफिया नाज़ 4 वर्ष की आयु से ही योगाभ्यास कर रही हैं। उन्होंने योग में डिप्लोमा किया है व राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर के 52 स्वर्ण पदकों से पुरष्कृत हो चुकी हैं। रफिया ने अपना जीवन भारतीय योग संस्कृति को बचाने तथा इसे पिछड़ी जातियों एवं अनाथों के बीच लोकप्रिय बनाने के लिए खतरे में डाल दिया। उन्हें उनकी हत्या के, आगे…


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