धर्मो रक्षति रक्षितः। Dharmo Raksati Raksitah.

Dharma protects those who protect it.

– Veda Vyas, Mahabharat

सृष्टि का आदि और अन्त | नीरज अत्रि | पैगंबरवाद का पूर्व पक्ष | Neeraj Atri


जो प्राकृतिक वाले हैं,  उनका कहना है कि सृस्टि का ना तो कोई आदि है ना कोई अंत है। हमेशा से थी और हमेशा चलती रहेगी। जो पैगंबरवाद है, उसमे इसपे बहोत ज्यादा क्लैरिटी है उनका कहना है कि 23 अक्टूबर4004  बी. सी.मे, ऑलमोस्ट आज से 6 -7000 साल पहले, ये दुनिया बनाई गयी थी और जो एन्ड है वो बस आने वाला है। वो जब जीससक्राइस्ट का टाइम था 2000 साल पहले तब भी आने वाला था और अब भी जस्ट आने वाला है। नेक्स्ट है,के जो सृस्टि है इसकी रचना कैसे होती है? कभी इसका एन्ड आता है या नहीं आता, तो अनादि और अनंत होने का मतलब क्या है?

कि यहाँ पर कभी एक सृजन हुआ, फिर जीवन स्टार्ट होता है, फिर उस जीवन का विलय हो जाता है और फिर से साइकिल चल पड़ती है। के एक साइक्लिक प्रोसेस है की कभी ख़तम नहीं होने वाला है। पैगंबरवाद मे एक लीनियर फ्लो है, के पहले गॉड ने इसको बनाया, 6 दिन मे, 7वे दिन यहाँ पर जो लिविंग ऑर्गनिज्म्स थे उनको रखा, तब लाइफ शुरू हो गयी। उसके बाद एक जजमेंट डे आएगा या कयामत की रात आएगी। उस दिन सारे मर जायेंगे और उसके बाद हैवन मे जाएंगे या हेल मे जाएंगे,  उस दिन डिसिजन हो जायेगा। फिर वो वैसे ही कंटिन्यू करने वाला है।

इसमें जो एक डिफरेंस, इंडिरेक्टली हमे दिखाई देता है, हमारे यहाँ मानना हैं कि जो शरीर है एक बार आत्मा निकल गयी तो मिटटी है, ये ख़तम हो जाएगा। ये डिफरेंस मे अपनी एक जो मैंने एक्सपीरियंस किया उसके हिसाब से बताता हूँ, एक मूवी थी ‘गॉडफादर’ नाम की। जब हम छोटे थे बड़ी पॉपुलर थी वो, तो उसमे एक अंडरवर्ल्ड का डॉन होता है। वो किसी के लिए काम करता है बहोत बड़ा। जिसके लिए काम करता है वो अंडरटेकर था, जिसका एक फ्यूनरल पार्लर चलता था। तो जब ये डॉन उसका काम किया तो उसने पूछा की बताइये मे आपके लिए क्या कर सकता हूँ? तो डॉन ने बोला ‘’जिस दिन मुझे जरूरत पड़ेगी मैं तुम्हारे पास अपने आप आ जाऊंगा’’। तो कुछ टाइम बाद वो डॉन जो बेटा था,  उसका गैंगवॉर मे गोलीया मार के मर्डर हो जाता है।

तो क्यूकि बहोत सारी गोलिया मारते हैं मशीन गन से तो उसका फेस वगैहरा सब खराब हो जाता है। तो अपने बेटे की डेड बॉडी लेके वो इस फ्यूनरल पार्लर मे जाता है। तो फिर वो बताते है कि बहोत सूंदर काम किया है। उसके मुँह को फिर से स्ट्रक्चर करके, अच्छा बनाके, फिर उसको कॉफिन मे डाल दिया। तो मैं बहोत छोटा था, मुझे समझ नहीं आया कि ये क्या है? कि अगर वो डॉन चाहता, तो उससे बहोत सारे पैसे भी ले सकता था। लेकिन उसने इतना निक्कमा सा काम क्यों किया? कि जो मिटटी हो चूका है उसपे मेकअप कराने का फ़ायदा क्या है? तो जब ये मैंने इन रेलीजेंस को पढ़ना शुरू किया तो मुझे समझ मे आया कि इनका मानना ये है के जब ये जजमेंट डे आएगा, तो सारे मुर्दे अपनी कब्रों मे से उठ कि खड़े होंगे और उनको जज किया जाएगा।

तो पहले मे इसको कैलकुलेट करने लगा के 7 अरब तो अभी लोग हैं, जो गुजर चुके हैं.. तो ये तो खरबो मे संख्या जाएगी। उनका कहना है कि सारे एक लाइन मे लगे हुए होंगे और एक-एक कर के सबको बुलाएँगे।एक लेफ्ट मे जाएगा हैवन वाला, राइट मे जाएगा हेल वाला।तो वो मैं लॉजिस्टिकली कैलकुलेट करने लगा तो मुझे लगा ये थोड़ा कुछ इसमें गड़बड़ है। लेकिन एनीवे, मैं मेंन पॉइंट पे वापस आता हूँ, तो ‘आई वास् वॉन्डरिंग’ कि क्यों, उन्होंने, मरे हुए का मेकअप कराने को इतनी इम्पोर्टेंस क्यों दे रहे हैं। तो उनका कहना है कि अब  जब वो हैवन मे जाएगा तो वहाँ पर भी तो उसको एन्जॉय करना है। वहाँ पर उसके फेस की इम्पोर्टेंस होने वाली है, उसकी वैल्यू होने वाली है। तो ये इतनी, इतनी शुक्ष्म भी कह सकते है इसको। लेकिन इतनी सुरप्राइसिंग चीज़े हैं जो हमे लग सकती है कि मैटर नहीं करती। पर उनके पैगम्बरवाद मे ये बहोत ज्यादा मैटर करती है।


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