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संत रैदास जी को जब इस्लाम को अपनाने को कहा गया
संत रैदास जी का एक यह हैं, जब उनको दबाव डाला गया कि तुम इस्लाम क़ुबूल करो तो उन्होंने लिखा :- वेद धरम सबसे बड़ा अनुपम सच्चा ज्ञान I फिर…
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रामानंदाचार्य ब्राह्मण वादी नहीं थे
स्वामी रामानंद ने “वैष्णव मताब्ज भास्कर” में लिखा हैं : प्राप्तम पराम सिद्धधर्मकिंचनो जानो द्विजातिरछां शरणम हरीम व्रजेत परम दयालु स्वगुणानपेक्षित क्रियाकलापादिक जाती बन्धनं सिद्धि प्राप्ति के लिए धन का…
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कबीर का रामानंद जी का शिष्य न होने का दावा
आचार्य हज़ारीप्रसाद द्विवेदी ने कबीर पर सबसे सुन्दर किताब लिखी हैं I निर्विवाद रूप से उनकी किताब सबसे अधिक शोध और गहन अध्ययन के बाद लिखी गयी है, और वैसे…
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निराला की कविता – तुलसीदास
हिंदी के महान कवी निराला ने एक कविता लिखी हैं तुलसीदास के ऊपर I उस कविता की चर्चा साहित्य की आलोचना का जो जगत हैं, उसमे गुम हैं I कोई…
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रामानंदाचार्य के १२ प्रमुख शिष्य
स्वामी रामानन्द जगह-जगह से तीर्थ करके जब वापस लौटे, तब उन्होंने यह निर्णय लिया कि इस भयावह समस्या से निपटने लिए, दूसरे स्तर पर युद्ध करना होगा I सांस्कृतिक युद्द,…