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व्यवसाय उपनिषद्: उद्यम धर्म से क्यों और कैसे जुड़े? — अरविन्द अग्रवाल का व्याख्यान
व्यवसाय उपनिषद प्रगतिशील उद्यमी-व्यवसाई परिवारों के लिए एक वृहद मार्गदर्शन देनेवाली पद्धति है इसके तीन भाग हैं, प्रथम भाग 512 पृष्ठों की हार्डकवर पुस्तक, द्वितीय भाग है पुस्तक पर आधारित…
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वैदिक परम्पराओं का उद्धार: चुनौतियाँ और अवसर — मोहित भारद्वाज का संगम व्याख्यान
आज हम ऐसे मोड़ पर खड़े हैं जहां हम ये जानते हैं कि बहुत कुछ हम खो चुके हैं परन्तु बहुत कुछ बचाने का एवं पुन: स्थापित करने का भी…
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विश्वगुरु भारत, अद्भुत भारत – मोहम्मद फैज़ खान का व्याख्यान
विषय वस्तु: – • भारत ही वो भूमि है जहाँ सभी मत पंथ सम्प्रदाय व सम्पूर्ण वातावरण सुरक्षित है।• भारतीय दर्शन विश्व को श्रेष्ठता की ओर ले जाता है।• भारतीय…
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अपने बच्चे के लिए गलत नामों के चयन से कैसे बचें | बच्चों के लिए संस्कृत नाम | Nityananda Mishra
तो हम बच्चों का नाम कैसे देते हैं? मेरा सबसे अच्छा सुझाव, मेरी पहली सिफारिश है कि वरीयता क्रम में किसी श्रोत्रिय गुरु या संस्कृत के पंडित से सलाह ली…
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बौद्ध धर्म के चंदो क्रिया की तुमो ध्यान की समानता
निश्चित रूप से बौद्ध साहित्य का पश्चिमी साहित्य में बहुत बेहतर अध्ययन किया गया है, क्योंकि मुझे लगता है कि वे दुनिया भर में फैले हुए हैं और इनमें से…
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योग: सभी के लिए लाभदायक | राफिया नाज़ और पूनम गुप्ता के बीच संवाद
योग का अर्थ है जोड़ना। शरीर एवं आत्मा को एक साथ जोड़ कर यह हमें शुद्ध बनाता है। भारत से बौद्ध धर्म के साथ यह चीन, जापान, तिब्बत, दक्षिण पूर्व…
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सृष्टि का आदि और अन्त | नीरज अत्रि | पैगंबरवाद का पूर्व पक्ष | Neeraj Atri
जो प्राकृतिक वाले हैं, उनका कहना है कि सृस्टि का ना तो कोई आदि है ना कोई अंत है। हमेशा से थी और हमेशा चलती रहेगी। जो पैगंबरवाद है, उसमे इसपे बहोत ज्यादा…
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सत्य से सरोकार: देखें और अनुभव करें बनाम यह जानने योग्य नहीं है |नीरज अत्रि |पैगंबरवाद का पूर्व पक्ष
‘नेचर ऑफ़ टरूथ’, हर किसी आइडियोलॉजी का ये क्लेम होता है की सच उनके पास है या उनको पता है दूसरे को नहीं पता। ये किसी भी केस मे एप्लीकेबल है। जो…
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प्राकृतिक बनाम अब्राहमिक धर्म: अच्छे और बुरे इंसान में भेद का सिद्धांत | नीरज अत्रि |Niraj Atri | पैगंबरवाद का पूर्व पक्ष
सबसे पहला जो आस्पेक्ट है पैगंबरवाद का, वो पूरी की पूरीह्यूमैनिटी को दो कैटागोरिस मैं डिवाइड करता है। वो उनकीटर्मिनोलॉजी अलग हो सकती है, ले
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अब्राहमिक धर्मों की अन्य के प्रति शत्रुता क्यों? | नीरज अत्रि | Niraj Atri | Exclusivism Of Abrahamic Religions
जो ये पैगम्बरवाद है जिसे हम प्रॉफेटिज़्म कहते हैं, इन्होंने गॉड को भी आदराइज़ किया हुआ है कि गॉड भी अदर है। अब ये हमारे देश में लोगो के लिए…