Q – नमस्कार ।
A – नमस्कार ।
Q – आपका स्वागत है, आपने हमसे बात करने का समय निकाला, सबसे पहले हम शुरू करते हैंजो हमको पता लगा कि आपने कुछ वर्ष पहले ही घर वापसी की है हिन्दू धर्म में । तो कई मुश्किलें भी आई हैं legal स्तर पे, community, financial और काम काज में, थोड़ा इस के बारे बतायें ।
A – घर वापसी करने के बाद, financially problem तो यह है कि कारोबार, अगर आप मुस्लिम community हो और मुस्लिम नहीं रहते तो, हिन्दू धर्म में वापस आ गये तो, मुस्लिम एक तरीके से आपको, घर का भी भाई भाई नहीं रहता, बहन भी आपसे मना कर देती है, मेरे अपने बहनोई ने भी कह दिया था बोले कि अगर तेरी बीवी हमारे यहाँ आयेगी तो बुर्का पहन कर आएगी, वर्ना हमसे कोई मतलब नहीं है ।
Q – अच्छा तो ।
A – मेरे अपने सुसराल में पता लगा तो, मेरे अपने सुसर ने कह ही दिया कि – नाप दो इसे .. साला परेशान कर रहा है, हाँ बच्चों के लिए घर है गया, financially problem कुछ आएगी नहीं, ये आगे भी परेशान करेगा तो फिर ये है कि रिश्तों में परेशानी आएगी, हमारे बच्चों के कल को शादी – ब्याह कैसे होंगे, किसी को पता लगेगा कि ये तो अब मुस्लिम नहीं है तो हमारे शादी ब्याह में परेशानी होगी, खानदानी रिश्ते आयेगें चले जायेंगे ।
Q – जिस राज्य से आप belong करते थे अब आप वो छोड़ चुके हैं, वहाँ से आप shift हो चुके हैं दूसरे राज्य में, तो आपको business में भी काफी loss उठाना पड़ा है, तो थोडा इसके बारे में भी आपकी क्या struggle रही उसके बारे में भी please बताइये ।
A – तो मेरे पास काम करने वाले थे, labour जो थी वो मेरा माल लेकर चली गई, एक आदमी था जो माल लेकर चला गया ।
Q – अच्छा मुस्लिम ।
A- जी हाँ ।
A – एक तो उसने गलत address दिया था हमें, खैर फिर मैं मालूमात कर पहुँचा तो, तो उसने कहा कि हमने तो अपनी बेटियों की शादी कर दी और दूसरी बात यह कि अब तुम मुस्लिम नहीं हो तो … ले आये आपका माल तो क्या बात हो गई .. आपसे वापिस लिया जाए तो आप ले लो ।
Q- अच्छा, तो फिर आपने सोचा नहीं कि पुलिस में report करायें या उसके लिए आपने कुछ कदम नहीं उठाया ?
A – नहीं मैंने कोई कदम नहीं उठाया, कि अब मैं दूसरी जगह आ गया हूँ और दूसरी बात यह है कि अब मैं केवल अपने ही परिवार को सम्भाल रहा था, घरवालों की बात सुनना, रिश्तेदारों की बात सुनना तो उसमें disturb था ।
Q – जी….. तो, इसका legal आपको क्या – क्या मुश्किलें हुईं और मतलब जो आपने legal घर वापसी की ।
A- हाँ मैंने legal ही घर वापसी की है, आर्य समाज से शुद्धि हुई थी मेरी, और आर्यसमाजी जैसे समझा सकते है, वे वेदों को मानते है, और सभी धर्म कहते है कि वेद is first book, पहली किताब वेद ही है, वेदों में जो है, चूँकि मुस्लिम भी उसको मानते हैं और वेद भी निराकार को ही मानते हैं, तो इसमें उनको समझाने के लिए आर्य समाज को बहुत आसानी है, आर्य समाज की बातों को लोग सुन लेते हैं समझ लेते हैं ।
Q – तो आपने उनसे एक legal certificate लिया है जो कोर्ट में मान्य है ?
A – हाँ मेरे पास legal certificate है मेरे पास, with family का ।
Q – तो उसके लिए आपको किसी और हिन्दू संगठन ने आपको support किया या उसका खर्चा वगैरह तो आता है क्या, आप पूरा process बताइये ।
A – नहीं कोई संगठन support नहीं करता, बिल्कुल कोई support नहीं करता ।
Q – आप जितने भी जाने माने बड़े हिन्दू संगठन हैं, सबके पास गये थे ?
A – हाँ सभी के पास गया था मैं । कोई support नहीं करता ।
Q – तो इसमें कुछ खर्चा आता है या कुछ खास नहीं, मतलब कि इसका क्या process है ?
A – आर्य समाज तो certificate दे देता है अपना, उसके बाद में अगर आप अपने certificate से या driving licence से अपना नाम change करना हो तो उसमें कोर्ट में खर्चा आता है जी ।
Q – कितना खर्जा आता है ?
A – दस हजार, मैंने lawyer से मालूम किया था तो उसने दस हजार बताया था, एक आदमी का ।
Q – मतलब कि एक परिवार में चार लोग हैं, तो उनको 40 हजार रुपये खर्च करने पड़ेंगे, अगर सबके अपने अपने document बने हुए हैं तो ।
A – हाँ जी सबको, वो तो कोर्ट फीस लगती है, दस हजार रुपये खर्जा आता है एक का अगर चार आदमी हैं तो 40 हजार ।
Q – तो आपकी किसी हिन्दू संगठन ने मदद नहीं की, जब आपका business भी खत्म हो चुका था ।
A – संगठन तो बिल्कुल मदद नहीं करते, मैं तो लोगों के पास काम माँगने गया था, labour job का, कि labour का आप मुझे काम दे दो ।
Q – लेकिन आपकी अपनी small scale factory थी ना ?
A – हाँ जी, मेरा कपड़े का अपना काम था ।
Q – आज की date में वह बिल्कुल नहीं है ?
A – नहीं, वह तो जैसे ही लोगों को पता लगा तो, कुछ को मैंने हटा दिया, कुछ वैसे ही हट गये, चूँकि labour सारी मुस्लिम क्लास की थी उन्होंने मुझे नुकसान दिया, फिर मैंने काम बंद कर दिया ।
Q- तो आप हिन्दू संगठनों के पास काम माँगने गये, जो हिन्दू groups हैं जो सोशियल मीडिया से, या अलग –अलग जगहों से जुड़े हुए हैं, उनमें आप गए कि मेरे पास skill set है, मैं कपड़े इस तरह के बना सकता हूँ या कुछ तो क्या… किसीने कोई किसी तरह का constructive काम हो या कुछ काम नहीं मिल पाया ?
A – नहीं जी कोई नहीं मिल पाया ।
Q – अच्छा, और इसी बात में अगर आप, मुझे ये भी पता चला कि आप एक मुस्लिम संगठन के साथ भी कुछ वर्षों काम किये है पहले …(बीप) तो आप यहाँ पे कुछ constructive community support रहती है, मतलब कि कोई मुस्लिम बनना चाहे तो क्या, वहाँ पर भी तो पैसे लगते होंगे कन्वर्ट होने के लिए, उसको भी तो समाज का पूरा ताना बाना बुनना होता होगा, उसको भी नई जिन्दगी शुरू करनी पड़ती होगी तो वहाँ पे संगठन के लोग मदद करते हैं ? जैसे हिन्दू संगठनों ने तो नहीं किया, इसके बारे में थोडा सा बताइये ।
A – हाँ, मुसलमान अगर होता है, कोई भी गैर मुसलमान, मुसलमान बनता है तो उसके लिए संगठन पूरी मदद करते हैं, शादी नहीं हुई तो शादी करवाना, बच्चों की परवरिश करना ।
Q – जी, अच्छा उसके लिए पैसा भी खर्चा करते हैं ?
A – हाँ बिल्कुल करते हैं ।
Q – अच्छा जैसे जिस मुस्लिम संगठन में आप थे वहाँ पर जाते थे तो उसके बारे में बताइये, जैसे क्या कहा जाता था, या क्या responsibility दी जाती थी, या आपको करने के लिए काम क्या दिया जाता था ?
A – (बीप) मैं जिस जमात में जाता था वो असल में, जैसे किसी गाँव में (बीप) नहीं जाने हों (बीप) या हमारी entry नहीं थी, वैसे गाँव थे, क्योंकि मैं ऐसी जाति का था, कि मेरा relation निकले, target किया कि यहाँ जाना है और इस आदमी की वजह से हम जा सकते हैं, उन्होंने जिम्मेदारी दी और उनको लेकर चला गया और वहाँ कि किसीने कोई objection नहीं उठाया, क्योंकि कुछ समय पहले उस गाँव में जमात नहीं जाती थी (बीप)
Q – तो इसका मतलब कि फिर वे वहाँ जाकर के लोगों को convert करते हैं ?
A – नहीं वहाँ लोगों को (बीप) जहाँ – जहाँ जमात नहीं जाती वहाँ लोग रहते हैं, वहाँ नमाज पढ़नी है नहीं पढ़नी है कोई बात नहीं एक तरह का… कोई tension नहीं होती ।
Q – मतलब की कट्टरवाद नहीं है ।
A – हाँ, कट्टरवाद नहीं होता, (बीप) जब वहाँ जाते है तो कट्टरवाद बढ़ जाता है ।
Q – मतलब कि आप कह रहे हैं कि पूरा support system बना हुआ है financial भी और क्या – क्या कारणों से भी वो लोग अपना धर्म बदल लेते हैं या फिर कट्टर बन जाते हैं ।
A – नहीं कट्टर बनने को तो जो भी इस्लाम को follow करेगा, जो कुरआन को पढ़ेगा तो वह कट्टर बन ही जायेगा, एक तो यह है कि आदमी ने अरबी पढ़ी और उसने कुरआन पढ़ा उसका कोई मतलब नहीं कि उसकी समझ नहीं आया, क्योंकि अरबी भाषा हमारे यहाँ की है नहीं ।
Q – तो उसको तो जो इमाम पढ़ायेगा, वो तो वो ही मान लेगा ।
A – हम तो रट्टा लगवा देते हैं, इमामों ने तो रट लिया और उसने दूसरों को रट्टा लगवा दिया अब आते हैं उसको अपनी भाषा में समझाना यानि उसका translation, अब जिसने उसका translation किया या पढ़ा उसकी समझ में आया कि इसका translation ये है ।
Q – आप एक example दीजिये, तो मैं एक सवाल पूछूँगीं कि कैसे लोग किन किन कारणों से जैसा कि आपने बोला कि (बीप) वहाँ पर हिन्दू भी होते होंगे कि किन – किन कारणों से धर्म बदलते है, पैसे के कारण, शादी के कारण या बच्चों की पढाई के कारण, कोई example देंगे कोई ।
A – यह हमारे अपने गाँव का केस है कि हमारे यहाँ पे नाई थे (बीप) जाटव उनकी जाति थी, उनकी शादी नहीं हुई थी, हमारी बैठक पर बैठ थे हम .. तो शादी नहीं हुई तो उनसे कहा कि शादी नहीं कर रहे …. बोले कि कोई कर नहीं रहा …. बोले कि तू मुस्लिम हो जा तेरी शादी हम करा देंगे ।
Q – अच्छा ।
A – तो बोला कि मैं अगर मुस्लिम हो जाऊँ तो मेरी शादी हो जायेगी, तो बोले कि हाँ हो जायेगी, खैर फिर वह मुस्लिम हो गया और फिर उसकी शादी कराई, हम लोगों ने उसकी शादी कराई ।
Q – शादी कराई कि, मतलब कि पैसा भी खर्च करते है सब लोग मिलके ?
A – हाँ उसके लिए हम आपसे में ही चंदा इक्कठा किया हमने, पैसा इक्कठा किया उसकी शादी कराई और उसका रहने का arrangement कराया ।
Q – अच्छा मतलब कि और …. कंडीशन बस यही थी कि मुस्लिम बन जाये ।
A – हाँ मुस्लिम बन जाये जब ही तो शादी कराई उसकी, मुस्लिम नहीं बनेगा तो कहाँ से शादी होगी ।
Q – और भी कारण रहते होंगे जैसे ..
A – और कई कारण हो जाते है …. किसी पे कर्जा है .. एक केस था उसपे कर्जा ज्यादा आ गया, उसका भैंसों का कारोबार था.. कर्जा हुआ तो हमारे एक मुस्लिम भाई थे उन्होंने कहा कि भई कि तुम ऐसा करो कि मुसलामन हो जाओ और ये पैसे हम तुम्हें छोड़ देंगे चलो ।
Q – जी तो ये normal है, आम बात है ये होना ?
A – होना क्या, वो लोग सब कुरआन को ही follow कर रहे है, सभी जो मुस्लिम हैं ये तो कुरआन में भी लिखा हुआ है उसको follow कर रहे हैं ।
Q – तो आपका दिल, आपका ह्रदय परिवर्तन कैसे हुआ, कब आपको पहली बार लगा कि मुझे अपना इस्लाम छोड़ना है ?
A – मुझे सत्यार्थप्रकाश हमारे एक जानकार ने दी बोले कि उसको पढ़ना, उस time के बाद हमने पढ़ी उसका 14वाँ समुल्लास पढ़ा तो मुझे लगा कि इस writer ने बहुत गलत लिखा है मुसलमानों के खिलाफ जो मुसलमानों के सारे खिलाफ है ।
Q – एक बार तो बुरा लगा होगा ?
A – बहुत बुरा लगा, बहुत बुरा लगा मैं सोचने लगा कि अगर ये writer मेरे सामने होता तो शायद मैं इसको मार देता, उस time मुझे लगा ।
Q – जी हाँ, लगता ही है अपने धर्म के तो .. एक बार तो ऐसा लगता ही है ।
A – हाँ .. फिर मैंने उसको … जो उसमें लिखा हुआ था .. माइनों को कुरआन शरीफ मैं लेकर आया और फिर मैंने जो बातें मिलाईं तो वो बातें ठीक थीं … मैं depression में आ गया और (बीप) मेरा treatment चला (बीप) वहाँ hospital है उसमें मेरा treatment हुआ, जब मुझे लगा कि ये बातें सही लिख रही हैं इसमें, सत्यार्थप्रकाश में सही लिख रही हैं और सत्यार्थप्रकाश में सही लिख रहा है और हम उस चीज को follow कर रहे है ।
Q – तो आपको ह्रदय परिवर्तन शुरू हुआ ?
A – वहाँ से धीरे धीरे शुरू हुआ ये तो फिर तो एक पूरी study शुरू की, उसके बाद मैंने बाइबल भी पढ़ी, बाइबल भी मैंने पढ़ी माइनों का पूरा कुरआन शरीफ पढ़ा मेरे पास आज भी दोनों चीज हैं और और कोई भी आदमी, मेरा challenge है कि वह दोनों किताबों को पढ़े … कुरआन शरीफ पढ़ ले माइनों का और बाइबल पढ़ ले, बाइबल में तो दो version हैं, उन्होंने क्या किया कि बाइबल में भी इन्होंने system change किया है यानि कि जो नया आदमी होता है उसको बाइबल का नया version देते हैं, एक बाइबल होती है जिसमें दोनों version होते हैं, पुराना नियम और नया नियम एक साथ होते हैं उसको पढ़ ले और कुरआन को पढ़ ले, ये दोनों part one और part two हैं ।
Q – मतलब कि same है ।
A – बिल्कुल, एक जहाँ खत्म होता है तो दूसरा शुरू हो जाता है, बाइबल की ही story कुरआन में मिलेगी आपको ।
Q – तो एक चीज और बताइये मुझे कि आप काफी संपन्न घर से specially आपका सुसराल भी …. कभी मुसीबत नहीं देखी आपके परिवार ने मतलब कि financial, तो अभी इस चीज को accept कर लेते हैंआराम से ? क्योंकि अब business नहीं चल रहा और अभी भी आप struggle कर रहे हैं .. तो इसके बारे में आप कुछ कहना चाहोगे ?
A – वो तो शुरू में उन्होंने बहुत परेशान किया कि वो इस चक्कर में थे कि इसको डरा धमका करके वापस ले आयें , नहीं आया तो … financial काम था वो उनकी वजह से ही चक्करबाजी पड़ी वह खत्म हुआ, अब दुबारा इसमें तो ये लगे ही हुये हैं कि ये दुबारा आ जाये मेरे बच्चों को बहकाते रहते हैं, बच्चों को ले जाते हैं वे एक दो दिन बच्चों को रखेंगे और बच्चे आकर के… और बच्चे भी मेरे आर्य समाज से contact है, स्कूलों में पढ़ते हैं और फिर क्या है हम meditation करते हैं सुबह और शाम दोनों time, सबुह मेरा नियम है ये कि मैं सबुह 4 से 5 एक घंटे meditation करता हूँ, अपने मकान छोड़ करके मैं दूसरी जगह shift हुआ चूँकि यहाँ मुझे परेशानी हुई अपने ही भाइयों से, अपने ही रिश्तेदारों से परेशानी हुई तो मैं मकान में शिफ्ट चूँकि वो जानकार थे, उनको नहीं पता कि मैंने धर्म change कर लिया है जब उनको पता लगा तो वो आये मेरे पास, तो उन्होंने कहा कि ये तुमने ऐसा क्यों किया मैंने कहा कर लिया हमें अच्छा लगा और कर लिया, बहस में तो वो मुझे बात करते तो मैं समझा देता पर उनकी तो एक ही बात थी कि आप वापस आ जाइये ।
Q – और कोई विचार – विमर्श नहीं करते ?
A – हमने कहा कि आप debate कर लो कि मैं सच हूँ या तुम, एक चीज बताइये कि गलत और सही का तो जब पता लगेगा कि जब सवाल और जबाब होंगे आप मुझसे सवाल कीजिये मैं जबाब देता हूँ, नहीं आप यही कहोगे कि नहीं आप वापस आओ, ये तो कोई बात नहीं हुई, जिस घर में मैं रहता था तो कहा कि आप जब तक चाहो तब तक रहो, बिल लिखवाकर ले लो, आप रहो आजीवन इसमें रहो free of cost, हमने कहा जी हम आपका घर आज ही खाली कर देंगे tension free रहो, बोले कहाँ जाओंगे मैं कहा कहाँ जायेंगे इससे क्या मतलब है आपका हम खाली कर देंगे वो मैंने खाली कर दिया ।
Q – मतलब कि वो चाह रह थे कि आप मुस्लिम बने रहा तो घर चाहे free में रहो ?
A – हाँ जी ।
Q – अच्छा जैसे कि मैंने आपसे पूछा कि आप हिन्दू संगठनों के पास गये, मैं नाम नहीं लूँगी कि क्या संगठन लेकिन मुझे समझ में आ गई है कि किन संगठनों की आप बात कर रहे हो और लोगों को भी मुझे लगता है कि समझ आ गई होगी कि किन संगठनों की हम बात कर रहे हैं जिन्होंने मदद नहीं की, तो लेकिन हम आते हैं अब धर्मगुरुओं पे जो मुझे समझ आया है कि जितने भी पादरी या मुसलमान धर्मगुरु होते हैं कि … आप क्या समझते है कि ये ज्यादा accessible होते हैं अगर कोई धर्म बदलना चाहे या मिलना चाहे .. जैसे आपको इतनी तकलीफ हुई किसी ने समय नहीं दिया मतलब कि हिन्दू versus other religions इसके बारे में आप बताईये, जैसे कि कोई example ।
A – देखो मुस्लिमों में और क्रिस्चनों में एक बात है कि वहाँ पे वो लोग लगे रहते हैं कि कोई आये हमारे पास और यहाँ कोई मुस्लिम या christian कोई हिन्दू होता है तो यहाँ कोई धर्मगुरु उससे बात करने को तैयार नहीं है, लोग डरते हैं कि क्यों भई चक्करों में पड़ना, तो कोई help करेगा कोई समय ही नहीं देते मिलने का, अगर आप बड़े धर्मगुरुओं से मिलना चाहो तो कोई समय ही नहीं देगा मिलने का ।
Q – और उधर मिल जाता है समय ?
A – उधर मिलजाता है, उधर तो system है, सिस्टम ये है कि आप अगर एक गैर मुस्लिम को मुस्लिम बनाओगे तो आपकी सात नस्लें यानि कि सात पुश्तें यानि कि सात पीढियाँ आपकी जन्नत में जायेंगी ।
Q – ये ही motivation काफी है वहाँ ?
A – बस ये ही motivation काफी है ।
Q – लोग इसको मानते हैं मतलब स्वर्ग क्या मतलब कि आज की progressive हम इतना हिन्दू, हिन्दू धर्म को सारे दिन में मीडिया में देखते हैं कि regressive है करवा चौथ या इतना regressive यानि साड़ी पहनना मतलब कि हिन्दू धर्मको इतना पिछड़ा हुआ और बेकार ये सब बताते हैं और हर दिन की ये कहानी है लेकिन फिर भी पढ़े लिखे मुसलमान मानते हैं इस बात को कि सात जन्मों की या मुसलमान बनाओगे तो जन्नत मिलेगी कि पढ़े लिखे engineer doctor lawyer मानते है इस बात को ?
A – जो इस बात को नहीं मानेगा वो तो ईमान से ख़ारिज हो जायेंगा वो तो मुसलमान रहेगा ही नहीं ।
Q – अच्छा – अच्छा, तो उसका boycott हो जाता है community में ?
A – हाँ बिल्कुल कर देंगे, अगर कोई कहे कि मैं जन्नत को नहीं मानता कि मैं इस बात को नहीं मानता तो वो नहीं रहेगा ।
Q – एक और इसीसे जुड़ा हुआ सवाल है कि जिस तरह से आपका हृदय परिवर्तन हुआ उस तरह से और भी लोग होंगे जो शायद मुसलमान या और किसी धर्म के जो चाहते होंगे कि हिन्दू धर्म थोड़ा उस हिसाब से शांतिप्रिय है कि कोई ज्यादा problem नहीं है तो वो भी चाहते होंगे घर वापसी करना लेकिन i am sure की उसमें भी बाधा आती होगी ?
A – लोग चाहते हैं ऐसे लोग हैं, मैं खुद जानता हूँ, ऐसे लोग हैं कि वो आना चाह रहे हैं कि हम मुसलमान न रहें, ऐसी चीज है कि जो वेदों को मानता है, जिसने वेद पढ़ लिये या जिसने सत्यार्थप्रकाश पढ़ लिया या जिसने सच्चाई को समझ लिया या सच्चाई को जान लिया … लेकिन उसकी मज़बूरी ये है कि कल को वह अपने बच्चों की शादी कहाँ करेगा ?
Q – तो हिन्दू जो, जो मुसलमान इधर आते हैं, हिन्दू लोग उनसे अपने बच्चों की शादी नहीं करते ?
A – कौन करेगा कोई नहीं करता ..
Q – मतलब कि अभी भी accept नहीं है घरवालों की तरफ से ..
A – बिल्कुल, कोई नहीं करेगा, लोग इसलिए नहीं आते कि अगर मैं ..
Q – यहाँ से भी गये और वहाँ से गये ..
A – यहाँ से भी गये और वहाँ से गये और बच्चे और परेशान करें और फिर उनको उनको डर ये रहता है कि मेरा भाई ये कहेगा मेरा खानदानवाला ये कहेगा, मेरा सुसर कहेगा मेरे रिश्तेदार कहेंगे मैं कहाँ जाऊँगा, अकेला आदमी कहाँ जायेगा उसे तो हिन्दू accept नहीं करते और मुस्लिमों को वो छोड़ देगा, क्या करेगा ?
Q – मतलब कि Acceptance बहुत बड़ा issue है आज कि तारीख में ..
A – बहुत, मुझे इतना period हो गया मुझे आज भी लोग कहें कि तुम्हारे धर्म में ऐसा होता है जिनके साथ में मैं रह रहा हूँ ।
Q – बताओ इतना संघर्ष करके, आप इतना स्वाभिमानी तरीके से आप वापस आये, इसमें मैं आपकी बहुत प्रशंसा करुँगी कि आप अभी भी अडिग हैं इसपे और टिके हुए हैं हमारे धर्म में जो कि अब आपका खुद का धर्म है, इसके लिए बहुत बहुत धन्यवाद मैं आपको करुँगी एक बात आखिरी सवाल मैं आपसे ये पूछूँगी कि आर्य समाज के अलावा क्या कोई ऐसी संस्था है जिसका certificate आपकी knowledge में क्योंकि, मैं ये सवाल general श्रोताओं के लिए पूछ रही हूँ, जो ये certificate देती हैं और legal binding है और मतलब कि acceptance है कि आपका धर्म परिवर्तन यानि कि घर वापसी हो चुकी है या और है इस area में या आपको पता है ऐसी संस्था के बारे में ?
A – नहीं ये तो आर्य समाज को ही है, आर्य समाज ही इसका certificate देता है और किसी को allowed नहीं है और कोई संस्था नहीं है ।
Q – direct court case कम ही होते होंगे, इसकी legality का आपको कुछ idea ?
A – इसका खर्चा आता है दस हजार रुपये का, पहले भी मैंने बताया कि पहले आपको आर्य समाज में करना होगा, जो आपकी शुद्धिकरण जो शुद्धि होगी वो आर्य समाज में होगी इसका एक process है, कि वहाँ हवन होता है, शुद्धि होती है, तो उसके बाद में अगर आदमी, जाहिर सी बात है आदमी सोचेगा कि मेरे documents भी change हो जायें सब कुछ change हो जाये तो उसके लिए ये है कि किसी आदमी के परिवार में 4 आदमी हैं तो 40 हजार का खर्चा, वो तो कोर्ट का है, ये तो दुर्भाग्य है हमारे देश का कि हमारे देश का कानून, अपनी ही बात के लिए दस हजार रुपये खर्च करने पड़ें, इस काम के लिए अब जो इसको करता है उसका विरोध इतना होता है कि वो financial वैसे ही बिल्कुल खत्म हो जाता है वो, चूँकि certificate के लिए आदमी बाद में सोचता है पहले आदमी अपने, जिसको ये ज्ञान हुआ कि मैं गलत हूँ, अब मैं सही होना चाह रहा हूँ, काफी दिन तो वो अपने आप के अंदर सुधार ही करता है, और जब अपने अंदर सुधार करेगा तब वह दूसरे से कहेगा कि अब मेरी शुद्धि करा दो, पहले तो खुद अपने मानसिक तरीके से तैयार हो करके अपने परिवार को तैयार करके जब उसको कुछ time लगेगा और जब उसको लगेगा कि ये ठीक है … तो उसके बाद में ही क़ानूनी प्रक्रिया तो आदमी बाद में इस्तमाल करता है उसे जरूरत क्या पड़ती है, क़ानूनी प्रक्रिया की जरूरत उसे जब पड़ती है जब वह सोचता है कि चलो अब मैं इस समाज को छोड़करके दूसरे समाज में गया तो ये मुझे accept करेगा ।
Q – मतलब कि आज की date में आर्य समाज के अलावा कोई और संस्था नहीं ?
A – नहीं कोई और संस्था नहीं है ।
Q – ठीक है, धन्यवाद, आपने हमसे बात की और हम यही आशा करते हैं कि कि आपका business अच्छे से वापस बढ़े और हम जो cooperation इकठ्ठी कर पायेंगें वो करेंगे, नमस्कार ।
A – नमस्कार ।