आशा है कि सभी ने “जाकिर नाइक” के बारे में खबर देखी है, जो ढाका के युवाओं के आईएसआईएस की तरफ जाने की ताकत है। इससे पहले, आईएसआईएस के लिए भर्ती हुई महिला, दुबई से गिरफ्तार की गई थी और प्रत्यर्पित की गई थी, वह जाकिर नायक से प्रभावित थी।
अफसोस की बात है कि मेरे बहुत से शिक्षित मुस्लिम दोस्त ज़किर नायक के प्रशंसक हैं; उसके वीडियो जो कार्यालय में वितरित किये गए थे मैंने सुने है। मेरे मुस्लिम सहकर्मियों नेऋग्वेद से कई अंश साझा किये हैं जो जाकिर नाईक से प्रेरित हैं, और उनमे दावा किया गया है कि बुरखा पहनने के लिए मूलत: पहले हिंदुओं के लिए निर्धारित किया गया था (हां, आप मानें या नहीं!)। दूसरों ने तर्क दिया है कि ऋग्वेद में आर्य-दास युद्ध “धार्मिक युद्ध” थे। हर बार मैंने ग्रिफ़िथ की व्याख्याएं देकर इस मूर्खता को उन्हें बताया है। उसने एक व्याख्यान में, मुहम्मद को विष्णु का 10 वां अवतार (कल्कि!) बताया है।
नाइक मुसलमानों के बीच एक रॉक स्टार है, जो अन्य धर्मों के बारे में तिरस्कार फैलाने वाला एक मास्टर है, नियमित रूप से जानबूझकर, वेदों को गलत तरीके से बताते हुए, हिन्दू धर्म को गलत करार दे रहा है, “केवल एक सिद्धांत” (और इसलिए यह असत्य है) होने के कारण, भोले भले मुस्लिमों में मूर्खता फैला रहा है, जानबूझकर वेदों और हिंदू दर्शन की गलत व्याख्या कर बिना किसी वजह से नफरत फैला रहा है।
जाकिर नाइक, और उसके द्वारा मुसलमानों का एक बड़ा हिस्सा, ईश्वर की व्याख्याओं को इस्लामी दुनिया के आज्ञा देनेवाले संकीर्ण दृष्टिकोण से देख रहें हैं। नाइक एक दर्शन को जो एक चेतना के ‘एक-मुख’ से उत्पन्न होता है – जो शुद्ध है – जो प्रकट और अप्रकट सबकुछ व्याप्त कर सकता है – ऐसे दर्शन, जो उससे कोसों दूर है उसे समझने में असमर्थ है।
क्या आप चाहते हैं कि भारत अधिक धर्मनिरपेक्ष बने? इस आदमी से सावधान हो जाइए! उसकी गलत बातों को और झूठ को बाहर करने के लिए एक साथ होने की आवश्यता है। मुसलमानों दिमाग से उसकी प्रभावी पकड़ बौद्धिक रूप से, तर्क के साथ जानी टूट जानी चाहिए। हर ‘तर्कवादी भारतीय’ को बाहर आना चाहिए और इस आदमी को, गधे पर ले जाना चाहिए। उसे यूके की तरह बंदी बनाना कोई समाधान जवाब नहीं है, ऐसा करने से उसे गुप्त सेल बनाकर नफरत का प्रचार करने के और बहाने मिल जायेंगे।