धर्मो रक्षति रक्षितः। Dharmo Raksati Raksitah.

Dharma protects those who protect it.

– Veda Vyas, Mahabharat

जैन परंपरा से लिया गया एक गीत


ऐसा कोई दिव्य प्राणी नहीं हैं, जिसे मैं जानता हूं,
या कोई भगवान भी नहीं है,
न स्वर्ग है, और न ही नरक,
न रक्षक है, न ही इस ब्रह्मांड का कोई मालिक,
न निर्माता, न विनाशक ,
घटनाओं का केवल एक नियम है,
मैं अपने कर्मों की जिम्मेदारी लेता हूं
और उनके परिणामों की भी,
प्राणियों के सबसे छोटे जीवों में भी जीवन शक्ति है
मेरी ही तरह,
मुझमें हमेशा इसी तरह करुणा हो सकती है,
मैं किसी के भी, किसी भी तरह के नुकसान का कारण नहीं हो सकता,
सच्चाई बहुआयामी है
और उस तक पहुंचने के कई तरीके हैं,
मुझे इस द्वंद्व में भी संतुलन मिल सकता है,
मैं प्रार्थना करता हूं, मेरा अज्ञान नष्ट हो जाए,
मेरी सच्ची आत्मा मुक्त हो,
जीवन और मृत्यु के चक्र से,
और मोक्ष प्राप्त करें!
~ “थेसियस का जहाज” से लिया गया गीत

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